नई दिल्ली: देशवासियों को अगले साल में पेश होने वाले आम बजट 2023 को लेकर काफी उम्मीदें हैं। इस बार बजट 2023 (Budget 2023) से नौकरीपेशा काफी उम्मीद लगाए बैठा है। इस बार बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की तरफ से 1 फरवरी 2023 को पेश किया जाएगा। जानकार बताते हैं कि देश में लोगों के लिए ऐसी कई लोकलुभावन योजनाओं को लागू किया जा सकता है। ऐसा इस लिए कि चुनाव से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी बजट है।
सैलरीड क्लॉस कर्मचारी को मिल सकती है आयकर छूट
बताया जा रहा है रि इस बार सैलरीड क्लॉस कर्मचारी आयकर छूट की सीमा और टैक्स स्लैब दोनों के आधार पर छूट की उम्मीद हैं। उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड डिडक्शन के आधार या निवेश छूट की सीमा बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को 2023 के बजट में राहत दी जा सकती है। बजट 2023-24 साल 2024 के चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी यूनियन बजट होगा। ऐसे में मोदी सरकार टैक्सपेयर्स को लुभाने वाला बजट ला सकती है।
इंडियन इकोनॉमी ने कोविड-19 महामारी के बुरे दौर से उबरना शुरू कर दिया है। ऐसे में सरकार सरकार चुनाव के मद्देनजर नौकरीपेशा को आकर्षित करने के लिए इस बजट में नए ऐलान कर सकती है। सरकार का फोकस आर्थिक विकास पर जोर देने वाले बजट को पेश करने पर होगी।
एचआरण्ए में बढ़ोतरी
सरकार की तरफ से वर्क फ्रॉम होम कल्चर और कोविड के बाद बढ़े किराये को एडजस्ट करने के लिए एचआरए में बढ़ौत्तरी की जा सकती है। हालांकि बहुत से ऑफिस ने हाइब्रिट मोड पर या ऑफिस से ही काम करने की सुविधा शुरू कर दी है। जिससे कंपनी और कर्मचारी को बंपर फायदा हो रहा है।
बढ़ सकती है 80C की लिमिट
इनकम टैक्स देने वाले सैलरीड क्लॉस को आकर्षित करने के लिए मोदी सरकार की तरफ से स्पेशल टैक्स रिजीम में बदलाव कर सकती है। इसके अलावा सेक्शन 80C के तहत निवेश की सीमा को भी बढ़ाया जा सकता है। जिससे लोगों ज्यादा से ज्यादा अपने पैसे को सेल कर पाएगें।
वर्क फ्रॉम होम अलाउंस
कोविड काल के दौरान बहुत से कंपनियों ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ कल्चर को शुरू कर दिया था। इस दौरान कई तरह की चीजों में बदलाव आया। सरकार की तरफ से इस बार के बजट में वर्क फ्रॉम होम अलाउंस की घोषणा की जा सकती है। जिससे कंपनियों और यहां पर काम कर रहे कर्मचारी को बड़ी राहत मिलने वाली है। इससे कंपनी और कर्मचारी दोनों को फायदा होने वाला है।
बढ़ जाएगी आयकर छूट सीमा
इंनकम टैंक्स के जानकारों अनुसार आयकर की बेसिक छूट सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये तक किया जा सकता है। इसमें पिछले काफी लंबे समय से बदलाव नहीं हुआ है। इस बदलाव के बाद सैलरीड क्लॉस के ऊपर टैक्स का बोझ कम पड़ेगा। सरकार लोगों को कमाई के ज्यादा सेव करने पर फोकश करने वाली है।