नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने हाल में जानकारी दिया है कि इस वित्त वर्ष के दौरान अभी तक अटल पेंशन योजना में लगभग 65 लाख रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है। इस प्रकार पिछले साढ़े छह साल में पेंशन योजना के लिए 3.68 करो़ड़ रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है।
पेंशन रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने जानकारी दिया है कि अगर इसी गति से रजिस्ट्रेशन जारी रहे तो यह संख्या इस वित्त वर्ष में यानी 31 मार्च तक 1 करोड़ से ज्यादा होने वाली है। अटल पेंशन योजना सीनियर सिटीजंस के लिए सरकारी सोशल सिक्योरिटी स्कीम है जिससे लोगों को काफी फायदा होने वाला है।
लॉन्चिंग के बाद से ही अटल पेंशन योजना पब्लिक के बीच तेजी से लोकप्रिय हो चुकी है। योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार बताया गया है।
इस पेंशन योजना का फायदा उठाने के लिए आपकी उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी अहम है, जिन्हें रिटायरमेंट की उम्र के बाद इसका लाभ मिलता रहेगा। सब्सक्राइबर के अंशदान के आधार पर सरकार 5,000 रुपये तक गारटेड पेंशन उपलब्ध करवाई जाएगी।
इस योजना के तहत सब्सक्राइबर के जीवित रहने तक 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक मासिक पेंशन मिलती रहती है। उसकी मृत्यु के बाद पेंशन के उसके स्पाउस को मिलना शुरु हो जाएगी और उनकी मृत्यु के बाद सब्सक्राइबर के अंशदान के आधार पर सब्सक्राइबर की 60 साल की उम्र होने पर उसके नॉमिनी को लौटाई जाएगी।
इस स्कीम में किए गए अंशदान को वहीं बेनिफिट मिलता रहता है, जो नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) योजना के तहत मिलना शुरु हो जाता है। इसमें किए गए अंशदान पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत इनकम टैक्स बेनिफिट दिया जा सकता है।
इसमें सरकार की तरफ से मिनिमम पेंशन की गारंटी दी जाएगी। इसका मतलब है कि जमा पैसे से अनुमानित रिटर्न कम होता है और यह मिनिमम गारंटीड पेंशन देने के लिए पर्याप्त होता है तो केंद्र सरकार इस कमी की भरपाई करने वाली है।
सब्सक्राइबर्स कुछ शर्तों के तहत अटल पेंशन योजना से निकल पाएंगे, जिसमें सरकारी अंशदान और रिटर्न या इंटरेस्ट की कटौती शामिल की गई है।