नई दिल्ली: Rajasthan New CM: राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने 4 साल पूरे कर लिए हैं। अब 1 साल बाद यानि अगलेराजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे कांग्रेस के कर्ता-धर्ता कोई खतरा नहीं उठाना नहीं चाहती है। अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल में अच्छे दिन ला दिए।  अब जो बाकी बचा हुआ एक साल है उसमें वादों को पूरा करना नए सीएम के लिए चुनौती होगा। हालांकि अभी सीएम को लेकर घोषणा नहीं हुई है। लेकिन कांग्रेस कर्ता-धर्ता इशारे और गहलोत के किनारे हो जाने के बाद सचिन पायलट के रास्ता साफ होता दिख रहा है।

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जल्द ही राजस्थान की कमान सचिन पायलट के हाथों में आ जाएगी। अब सिर्फ जनता के बीच घोषणा होनी बाकी है। सचिन पायलट के आवास पर गहलोत के मंत्रियों के होने से भी यही पता चलता है। वहीं  पायलट की प्रताप सिंह खाचरियावास से मुलकात हुई, जिससे राजस्थान की राजनीती में परिवर्तन के संकेत मिल रहे हैं।

बसपा का समर्थन

हाल ही में  राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने भी स्पष्ट कर दिया था कि 5 विधायक सचिन पायलट को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। सचिन पायलट ने  नई शुरुआत के लिए जयपुर में माता शिला देवी के दर्शन किए। राजस्थान में सचिन पायलट को लेकर राहुल गांधी भी काफी समय से अड़े हुए थे।

युवा नेतृत्व

सचिन पायलट की बात करें तो ये युवा नेता होने के साथ ही मंझे हुए राजनेता भी हैं। इनके पिता राजेश पायलट भी केंद्र में मंत्री थे। सचिन पायलट में अपने पिता राजेश पायलट की ही छवि देखने को मिलती है। सचिन पायलट सबसे कम उम्र में सांसद  बने और इसके बाद जमीनी स्तर पर काम करना शुरू किया।

सचिन गुट के युवा विधायक हर एक परिस्थिति में उनके साथ खड़े रहे। वे किसी प्रकार से बदले नहीं। वहीं गहलोत सरकार के मंत्री पायलट के निजी आवास पर पहुंचने लगे हैं। इन 4 सालों में गहलोत ने राजस्थान की राजनीती को देश के केंद्र में ला दिया। सचिन पायलट का वक्तव्य “सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं” आखिरकार सभी के लिए मूल मंत्र होना चाहिए।

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