नई दिल्ली: राजस्थान में अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा देने को लेकर राज्य सरकार जोड़े को पांच लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलने जा रही है। योजना के अनुसार प्रोत्साहन राशि बढ़ाने को लेकर लगातार बढ़त देखी गई है।
भले ही हमारे समाज को लेकर बात की जाए तो अंतर्जातीय विवाह का विरोध किया जा रहा है। लेकिन सामाजिक समरसता बनाया रखा जाता है। छुआछूत की रोकथाम को लेकर उनकी तरफ से से डॉ. सविता बेन अंबेडकर ने अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन में सहायता राशि बढ़ने के प्रत्साहन मिल जाता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की बात करें तो संख्या में जोड़े विवाह के लिए आवेदन करने को लेकर तैयार हो रहे हैं।
कोराना काल के दौरान भी गाइडलाइन के तहत 90 जोड़ों ने अंतरजातीय विवाह करना शुरू किया था। योजना के अनुसार देखा जाए तो सरकार ने पिछले वर्ष 33 करोड़ 55 लाख रुपये और चालू वर्ष में 4 करोड़ 50 लाख रुपये की सहायता का फैसला किया था।
क्या दी गई है योजना
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की तरफ से संचालित अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य सरकार 5 लाख वाली आर्थिक सहायता मिल रही है। इसमें देखा जाए तो 3 लाख 75 हजार रुपये राज्य सरकार और 1 लाख 25 हजार रुपये केंद्र सरकार की तरफ से मिल रहे हैं । वर्ष 2013 से पहले प्रोत्साहन राशि मात्र 50 हजार रुपये पर पहुंच गया था, लेकिन उसके बाद राज्य सरकार की ओर से विवाह को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के बाद 5 लाख रुपए किया गया है।
अंतरजातीय विवाह योजना पर हो रही है नजर
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, योजना के तहत पिछले साल 431 जोड़ों का विवाह हो चुका है।
चालू वर्ष में 90 जोड़ों ने अंतर्जातीय विवाह किया गया है।
2006-07 में जयपुर शहर में सिर्फ एक अंतर्जातीय विवाह किया गया था।
2011-12 में यह आंकड़ा 122 पर पहुंच चुका है
2013-14 में प्रोत्साहन राशि बढ़ने के बाद यह आंकड़ा सीधे 267 पर आ गया है।
यह मानी जा रही है योजना की पात्रता
समाज कल्याण विभाग की बात करें तो इसके लिए निदेशक ओपी बुनकर ने जानकारी दिया है कि अनुसूचित जाति के युवक या युवतियां, जिन्होंने सवर्ण हिंदू पुरुष या महिला से शादी कर लिया है, उन्हें इस योजना का लाभ मिलने जा रहा है।