पीठ में हो रही आपके लगातार दर्द, तो इस घातक बीमारी के हो चुके हैं आप शिकार

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नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा जो आज के युवाओं में पाई जा रही है, वह स्लिप डिस्क नामक बीमारी है। यह तकलीफ अक्सर लोगों की रीड की हड्डी में पाई जाती है। सीरीज वाले बोनस को स्पाइन्स कहते हैं। ये डेली लाइफ की एक्टिविटी में हमारे बॉडी को मदद पहुंचाती है। इसके बिना जीवन कष्टदायक पूर्ण होता है। अगर इन हड्डियों का कोई भी भाग अपनी जगह से हट जाए तो इसे स्लिप डिस्क नाम के बीमारी से जाना जाता है। यह बीमारी अक्सर उन लोगों को होती है जो अपने बॉडी मूवमेंट का सही से ध्यान नहीं रखते हैं। इस लेख में हम आपको आगे बताएंगे कि स्लिप डिस्क नामक बीमारी से किस तरह आप अपने आप को बचा सकते हैं और क्या-क्या इस बीमारी के होने का संकेत होते हैं।


घातक बीमारी है स्लिप डिस्क

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हर डिस्क में दो हिस्से पाए जाते हैं। इन दो हिस्सों में एक अंदरूनी हिस्सा होता है और दूसरा बाहरी हिस्सा। अंदरूनी हिस्सा जो कि काफी सॉफ्ट होता है वही बाहरी हिस्सा हार्ड होता है। कई बार चोट या शरीर में किसी भी तरह के कमजोरी के कारण आमतौर पर जो अंदरूनी हिस्सा होता है वह बाहर निकल कर आ जाता है। इसे स्लिप्ड, हर्नियेटेड या प्रोलैप्स्ड डिस्क के नाम से जाना जाता है। ऐसी स्थिति में आपके पीठ में काफी तेज दर्द और कमजोड़ी जैसी तकलीफें बढ़ने लगती है।

अगर आपकी नशे संकुचित हो जा रही है स्लिप डिस्क के कारण तो इससे वह हिस्सा पूरी तरीके से सुन पड़ सकता है। इस मुसीबत से आप शुरुआती स्टेज में फिजियोथेरेपी के मदद से एक्सरसाइज करके निजात पा सकते हैं, लेकिन यह परेशानी अगर काफी आगे बढ़ चुकी है तो इसका एकमात्र इलाज ऑपरेशन करके ही किया जा सकता है।

इन कारणों से होता है स्लिप डिस्क नामक बीमारी

. समय के साथ आप की बढ़ती उम्र

. अपनी क्षमता से ज्यादा वजन उठाने की वजह से

. अनियमित रूप से भारी भरकम कसरत करना

. हड्डियों में कमजोरी होने के कारण

. अपने शरीर के क्षमता से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटीज करना

. शरीर में अनियमित रूप से वजन बढ़ना

कैसे करें बचाव स्लिप डिस्क से

. अपने बॉडी की क्षमता से ज्यादा कभी भी वजन उठाने की कोशिश ना करें।

. अपने बढ़ते वजन पर रोक लगाना

. दफ्तर, स्कूल या कॉलेज में 8 से 10 घंटे एक ही पोजीशन में बैठने की कोशिश करें

. कुर्सी से उठकर अपने वर्किंग अवर्स में थोड़ा टहलना सीखे

. किसी भी तरह का कसरत ना करें बिना ट्रेनररोड एक्सपर्ट्स के राय लिए

अगर रीड की हड्डी के बीमारियों से अगर आप बचना चाहते हैं और अपने जीवनशैली को सुधारना चाहते हैं तो इस लेख में दिए गए हर चीजों को गौर से पढ़े और इसको अपने जीवन में अपनाएं। और साथ ही इस में दिए गए बचाओ से भी परहेज करें।

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