Horror Railway Station: दुनिया में कई ऐसी जगहें है जो अजब-गजब वजहों से चर्चा में रहती है। आज हम आपको भारत के एक ऐसे रेलवे स्टेशन की स्टोरी बताने जा रहे हैं जो भूतों के डर से कई सालों से बंद पड़ा हुआ है। जी हां, हमने भूतिया जगहों को लेकर कहानियां पढ़ी है लेकिन ऐसा सच में भी है आपको बता दें कि यह रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में है, जिसका नाम बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन 1960 में खुला था लेकिन भूतों को देखने की खबरों के बाद से यह खाली हो गया। हालांकि 2009 में ममता बनर्जी ने इसे दोबारा खुलवाया।
इस स्टेशन को साल 1960 मे शुरू किया गया था। कुछ सालों तक यहां पर सब कुछ ठीक रहा, लेकिन साल 1967 में एक रेलवे कर्मचारी ने इस स्टेशन पर महिला का भूत देखने का दावा किया। वहां ये अफवाह फैली की महिला की मौत उसी स्टेशन पर एक ट्रेन दुर्घटना में हो गई थी। इस घटना के बाद बेगुनकोडोर के स्टेशन मास्टर और उनका परिवार रेलवे क्वार्टर में मृत अवस्था में पाया गया। इस वजह से लोगों ने दावा किया कि इसके पीछे उसी भूत का हाथ था।
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लोगों का कहना था कि सूरज ढलने के बाद जब भी कोई ट्रेन वहां से गुजरती थी तो महिला का भूत उसके साथ-साथ दौड़ने लगता था। इसके अलावा कई बार उस भूत को ट्रेन के आगे पटरियों पर नाचते हुए भी देखा गया था। इन घटनाओं के बाद बेगुनकोडोर को भूतिया रेलवे स्टेशन माना जाने लगा। लोग इस महिला के भूत के खौफ से इस स्टेशन पर आने से डरने लगे। यहां तक कि स्टेशन पर काम करने वाले रेलवे कर्मचारी भी डर के मारे यहां से भाग गए। कोई भी कर्मचारी इस स्टेशन पर अपनी पोस्टिंग नहीं कराना चाहता था।
इस स्टेशन को लेकर यह भी कहा जाता है कि उस वक्त जब भी कोई ट्रेन इस स्टेशन से गुजरती थी तो लोको पायलट स्टेशन आने से पहले ही ट्रेन की गति बढ़ा देते थे, ताकि जल्द से जल्द वो इस स्टेशन को पार कर सकें। यहां तक कि ट्रेन में बैठे लोग स्टेशन आने से पहले ही खिड़की-दरवाजे सब बंद कर लेते थे। हालांकि, इसे 2009 में गांववालों के कहने पर ममता बनर्जी ने इस स्टेशन को फिर से खुलवाया। लेकिन अभी भी लोग सूरज ढलने के बाद इस रेलवे स्टेशन पर नहीं रुकते हैं।