नई दिल्ली। आजकल बाजार में बहुत से धातुओं के बर्तन और डिनर एवं किचन सेट उपलब्ध है जैसे स्टील, तांबा, पीतल, एलमुनियम, कांसा, नॉनस्टिक, कांच और मिट्टी के बर्तन लेकिन क्या आपने कभी इन बर्तनों पर पकने के बाद भोजन के दुष्प्रभाव के बारे में सोचा है, क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि इस तरह के बर्तन का उपयोग खाना बनाने के लिए अच्छा होता है, जिसका फायदा हमारे स्वास्थ्य को अच्छा मिले।
पुराने जमाने में लोग अक्सर मिट्टी, सोना, चांदी, तांबा, पीतल और कांसा जैसे बर्तनों का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए करते हैं. लेकिन आज के समय में इन सभी बर्तनों का उपयोग करना बंद हो गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि हमें किस धातु के बर्तन का इस्तेमाल अपने रसोई में खाना बनाने के लिए करना चाहिए।
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इन बर्तन का करना चाहिए उपयोग
हमारे शरीर के अंदर राहु के प्रकोप के कारण ही विषाक्तता पदार्थ बढ़ती है इसे कम करने के लिए हमें कुछ ऐसे बर्तनों में भोजन बनाना और खाना चाहिए जिससे शरीर में रोग और विषाक्तता में कमी आए, आइए जानते हैं इस लेख में हमें किन बर्तनों का प्रयोग अपने बोजन के लिए करना चाहिए। सोने के बर्तन में खाने से शुद्धता मिलती है, इसधातु से बने भोजन को खाने से शरीर शुद्ध होता है।
चांदी के बर्तन में खाना खाने से शरीर मजबूत होता है और रक्त प्रवाह अच्छा होता है, जो बच्चे 12 साल की उम्र तक के बर्तन में भोजन करते हैं उनका कॉन्फिडेंस बड़ता है। जिनका चंद्रमा कमजोर होता है, जिनका मन बार-बार भटकता या विचलित रहता है, उन्हें चांदी के बर्तन से खाना खाना चाहिए।
तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी रोग दूर करने का काम करता है, जिससे पेट की रअग्नी शांत होती है और अच्छी तरह से कार्य करती है। इस पानी से रोग दूर होता है। कांसे के बर्तन में खाना खाने से भोजन में पोषक तत्व कभी नष्ट नहीं होते हैं और हमारा खून शुद्ध होता है।
पीतल – पीतल के बर्तन में खाना पकाना और खाना दोनों कृत्रिम रोग नहीं होते हैं एवं वायु दोष नहीं होता। जोड़ों में दर्द और शरीर में पौष्टिक तत्व बने रहते हैं।
लोहा – लोहा के बर्तन में बने हुए भोजन खाने से शरीर की ताकत बढ़ती है। लोहे के बर्तन में फोलिक एसिड पाया जाता है जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है। मिट्टी के बर्तन में खाना खाने से बीमारियां नहीं होती है।
किन बर्तन में खाने से होता है बहुत नुकसान
एलमुनियम
एलमुनियम बॉक्साइट से बना होता है जिसके कारण इसके बर्तन में खाना पकाने और खाने से शरीर का क्षरण होता है और स्मरण शक्ति भी कमजोर होने लगती है साथ ही यह किडनी को भी प्रभावित करती है। नॉनस्टिक नॉनस्टिक में बने हुए खाना खाने से कैंसर की बीमारियां होने की संभावना बढ़ती है। प्लास्टिक के बर्तन में भी खाना खाने से स्किन एवं अन्य रोग पैदा होती हैं।