नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह बताया है कि बहुत सी कोशिशों के बाद भी दुनिया के पांच अरब लोग आज भी ट्रांसफेट की सेवन के चलते जानलेवा हार्ट संबंधी बीमारियों का सामना कर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने यह बताया है कि इस जहरीले पदार्थ के सेवन से लोगों को दूरी बनाकर रखनी चाहिए, साथ ही उन्होंने सबी देशों से भी अपील की है कि इन चीजों से अगर आप अपने नागरिकों को दूर कर लेते हैं तो आप अपने लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं, साथ ही जीवन सुधार सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने साल 2018 में कारखाने में बनने वाले फैटी एसिड को साल 2023 तक पूरे विश्व में खत्म करने के लिए एक अपील की थी। डब्ल्यूएचओ ने इन फैटी एसिड वाले पदार्थ में खाने में यह पाया था कि इसके चलते सालों से करीब 500000 लोग अपनी जान गवा चुके हैंय, संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि 2.8 लोगों की कुल आबादी वाले 83 देशों ने इसे खत्म करने के लिए बहुत सी ऐसी पॉलिसी लाई है जिससे वे अपने नागरिक के जीवन को स्वस्थ एवं सुरक्षित कर सकते हैं।
दुनिया में ऐसे 5 अरब से ज्यादा लोग हैं जो इस खतरनाक जहर का सेवन रोजाना कर रहे हैं। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ ने यह भी बताया है कि इन देशों ने फैटी एसिड को लेकर कोई सख्ती नहीं बरततें हैं तो और भी लोगों की जान जा सकती है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि मिस्त्र ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने ऐसी कोई भी नीतियां लागू नहीं की है जिससे ट्रांसफेट कम किया जा सके
ट्रांसफेट क्या होता है?
ट्रांसफेट एक ऐसा असंतृप्त फैटी एसिड है जिसे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक नहीं होता है लेकिन जब उद्योगों द्वारा इसे तैयार किया जाता है और किसी भी फूड प्रोडक्ट के लिए इसका उपयोग किया जाता है तब यह जहर बन जाता है। ट्रांसफेट को लिक्विड वनस्पति तेल में हाइड्रोजन मिलाकर किया जाता है ताकि इससे ठोस बनाया जा सके और किसी भी फूड प्रोडक्ट की सेल्फ लाइफ को बढ़ाई जा सके। वनस्पति तेल में खतरनाक ट्रांस फैट मिलाया जाता है। खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किए जाने वाले इस तेल से हार्ट की धमनियों बंद हो जाती है। यह अक्सर कुरकुरे जैसे चिप्स पैक्ड फूड में इस्तेमाल किया जाता है।
खाना पकाने के लिए तेल जैसे बहुत से प्रोडक्ट के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने इस मुद्दे पर अपील करते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी और कहा था कि ट्रांसफेट एक जहरीला केमिकल है जो इंसान को जल्द ही मारने का काम करता है, साथ ही भोजन में इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। ट्रांसफेट के खिलाफ भारत में यह स्थिति दुनिया के 60 देशों ने ट्रांसपोर्ट के खिलाफ कई पॉलिसी बनाई है जिसमें 3.4 बिलियन लोग शामिल है।
इनमें देशों ने ट्रांसफेट के खिलाफ अच्छी नीतियां लेकर आई है इन देशों में यूरोप, अमेरिका, उत्तर अमेरिका जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा कमाए वाले देश में इन नीतियों को अभी अपनाया नहीं है इसके अलावा भारत अर्जेंटीना बांग्लादेश, पैराग्वे, फिलीपींस और यूक्रेन समेत कई मध्य आय वाले देश ने भी इस नीति को अपनाना शुरू कर दिया है।