Chhath Puja Rules and Niyam: छठ पूजा बिहार के महापर्व में से एक है। सूर्य भगवान के उपासना के इस पावन पर्व पर नहाए खाए के दूसरे दिन को व्रत धारियों द्वारा निर्जला उपवास रखकर खरना किया जाता है। खरना में दूध, अरवा, चावल और गुड़ से बनी खीर एवं रोटी का प्रसाद लगाया जाता है। खरना के बाद व्रत धारियों को 36 घंटों का निर्जला व्रत शुरू होता है, जो कि इस बार 30 अक्टूबर की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य और 21 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि छठ पूजा के दौरान महिलाओं एवं व्रतधारियों को किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
छठ पूजा की यह मान्यता है कि छठी माई संतान सुख देती है और ऐसा कहा जाता है कि सूर्य जैसे श्रेष्ठ संतान पाने के लिए यह उपवास रखा जाता है। यह एक कठिन व्रत में से एक है क्योंकि इस व्रत के नियम बहुत कठिन होते हैं। इस व्रत के खास बात यह है कि इन सभी नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है, नहीं तो इसके अशुभ फल हो सकते हैं। आइए जानते हैं नियम के बारे में
Top 5 Phone: India’s most popular and best-selling smartphone, the cheapest mobile, is Rs 8,999.
boAt Storm Call 3: Affordable Smartwatch Packed with Premium Features
रोजाना खाना बनाने वाली जगह पर ना बनाएं प्रसाद
छठ पूजा प्रसाद बनाने की प्रक्रिया में बहुत साफ सफाई का ध्यान रखना होता है। प्रसाद उस जगह पर नहीं बनाया जाता है जहां पर रोजाना घर का भोजन बनता है। इसलिए साफ बर्तन और एक अलग नई जगह पर ही प्रसाद बनाई जाती है।
घर पर ही आटा तैयार किया जाता है, जिससे छठी मैया के प्रसाद का ठेकुआ बनाया जाता है वह आटा घर पर ही बनाया जाता है, ज्यादातर घरों में गेहूं को धोकर उठकर आटा तैयार किया जाता है, इतना ही नहीं जब इस आटे को सुखाया जाता है तो इस बात की भी खास ध्यान दी जाती है कि इसे बिल्ली, कुत्ता या फिर चिड़िया झूठा ना करें।
अर्घ्य देने वाले बर्तन का रखें खास ध्यान – अर्घ्य देने वाले बर्तन प्लास्टिक, चांदी या फिर stainless-steel का नहीं होना चाहिए। उसके लिए आपको पीतल या तांबे के बर्तन का उपयोग करना है।
बांस से बनी सुपड़ी का ही करना है प्रयोग – छठ पूजा के दौरान भूलकर भी स्टील या प्लास्टिक एवं शीशे के बर्तन का प्रयोग नहीं करना है। इसके लिए आपको बांस से बने टोकरी और सूप का ही प्रयोग करना है।
पूरे परिवार को रखना है इन बातों का खास ध्यान- भले ही घर में व्रत कोई एक व्यक्ति ही रखे लेकिन परिवार के सभी सदस्य को इस दौरान साफ-सफाई का खास ध्यान रखना होता है। नए कपड़े पहने जाते हैं और खानपान का भी विशेष ध्यान रखना होता है।
पूजा के दौरान नशीली चीजों से दूर रहना है – छठ पूजा के दौरान सात्विक भोजन करना है और परिवार का कोई एक सदस्य भले ही रखे लेकिन शराब, सिगरेट जैसी नशीली पदार्थ घर में नहीं लाना है।