Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य महान नीति कार थे। इन्होंने ऐसे कई किताब और उपन्यास लिखे हैं, जिसमें इन्होंने मनुष्य को कैसे जीवन जीना चाहिए और एक स्त्री एवं पुरुष को कैसे व्यवहार करना चाहिए इसके बारे में बताया है। आचार्य चाणक्य ने महिलाओं एवं पुरुषों को लेकर ऐसे खास कामों के बारे में बताया है, जिन्हें दोनों को अलग अलग करना चाहिए। भूलकर भी इन चीजों को साथ में नहीं करना चाहिए। हमेशा यह कहा जाता है कि काम एक साथ मिलकर करना चाहिए, जिससे कार्य करने में आसानी होती है।
लेकिन आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया है जिन्हें महिला और पुरुष को हमेशा अलग अलग करना चाहिए, इससे उन्हें ज्यादा सफलता मिलेगी। महिला और पुरुष अगर इन कामों जिसे महिला और पुरुष अगर एक साथ करते हैं तो उन्हें भविष्य में या वर्तमान में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वह कौन से काम है जिन्हें भूलकर भी पुरुष और महिला को एक साथ नहीं करना चाहिए।
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भूलकर भी ना करें एक साथ तपस्या
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि पुरुष और महिला को किसी भी तरह का तपस्या, ध्यान एक साथ नहीं करना चाहिए। हमेशा इन चीजों को अलग-अलग करना चाहिए। इससे ध्यान भटकता नहीं है, चाणक्य नीति के मुताबिक अगर आप तपस्या के माध्यम से किसी लक्ष्य को हासिल करने वाले हैं तो कभी भी आपको स्त्री और पुरुष को एक साथ मिलकर तपस्या नहीं करना चाहिए, इससे आपकी ध्यान भटकेगी और आप तपस्या पूरा नहीं कर पाएंगे और आपका लक्ष्य हासिल नहीं होगा।
अलग-अलग करें पढ़ाई
चाणक्य नीति के मुताबिक 2 या 2 से ज्यादा लोग अगर एक साथ मिलकर पढ़ाई करते हैं तो इस पर ध्यान भटकता है। कभी भी लोग एक साथ बैठकर पढ़ाई करके एकाग्रता नहीं पा सकते हैं, कभी भी आप पढ़ाई करने बैठे तो एक से ज्यादा नहीं हो आप अकेले बैठ कर पढ़ाई करेंगे तो आपको ज्यादा अच्छे से ज्ञान मिलेगा। ऐसे में अगर ठीक से पढ़ाई करनी है तो स्त्री और पुरुष को हमेशा अलग-अलग बैठकर ही पढ़ाई करें। इससे आपका मन एकाग्रता के साथ पढ़ाई में लगेगा और आप अच्छे से पढ़ाई कर पाएंगे।
एक दूसरे के सामने ना बदले कपड़ा
चाणक्य नीति के मुताबिक पुरुष और महिला को भूलकर भी एक दूसरे के सामने कपड़ा नहीं बदलना चाहिए, इसके साथ ही आचार्य चाणक्य ने यह कहा है कि ऐसी महिला या लड़की को कभी भूल कर भी नहीं देखना चाहिए जो अपने वस्त्र बदल रही हो या ठीक कर रही हो। यह व्यक्ति के मन को भटका सकता है।
हमेशा साथ मिलकर करें यह काम
आचार्य चाणक्य के मुताबिक कभी-कभी इन चीजों को साथ में करने से फायदा भी मिलता है, ऐसे में आचार्य चाणक्य के मुताबिक कभी भी किसी से लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए, लेकिन जब ऐसी परिस्थिति आए तो किसी से लड़ने के लिए कभी अकेले नहीं जाना चाहिए। इसके लिए हमेशा साथ में इकट्ठे होकर जाएं, इससे लड़ाई में जीत होती है। जिसकी जितनी ज्यादा संख्या होगी वह लड़ाई में जीत हासिल करेगा। इसलिए कभी भी लड़ाई करने के लिए अकेले नहीं जाना चाहिए, जितना ज्यादा हो सके उतना अधिक लोगों के साथ लड़ने जाएं। अकेले लड़ने जाना मूर्खता से कम नहीं है।