Basant Panchami: बसंत पंचमी पर अगर कर लिया इन मंत्रों का जाप, तो सौ प्रतिशत मिलेगी सफलता

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Shivam Jha

Basant Panchami Mantra: इस साल 26 जनवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जायेगा। बसंत पंचमी का त्योहार विद्यार्थियों के लिए बहुत खास माना जाता है। क्योंकि इसी दिन ज्ञान की देवी सरस्वती भगवती की पूजा अर्चना की जाती है। विद्यार्थी अपने शैक्षिक जीवन में सुधार के लिए मां भगवती से प्राथना करते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, माघ शुक्लपक्ष की पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती पृथ्वीलोक पर अवतरत हुई थीं। खासकर विद्यार्थी वर्ग के लिए सरस्वती पूजा का दिन महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस साल माघ शुक्ल पंचमी तिथि का आरंभ 25 जनवरी दोपहर 12:34 पर होगा और पंचमी तिथि की समाप्ति 26 जनवरी सुबह 10:28 पर होगी। यही वजह है कि उदयथिति के अनुसार ये पर्व 26 जनवरी को मनाया जाएगा।

इस तरह से खुश होंगी देवी सरस्वती

बसंत पंचमी के दिन अगर आप भगवती की पूजा और आराधना करते हैं तो इससे भगवती खुश होंगी। इतना ही नहीं इससे आपके नौकरी और प्रमोशन में भी मदद मिलेगी।इन मंत्रों के जाप से मां सरस्वती प्रसन्न होंगी और साधक के जीवन में तरक्की के नए मार्ग भी प्रशस्त होंगे।

नौकरी के लिए पढ़े ये मंत्र

अगर आप नोकरी के लिए इच्छुक हैं तो भगवती सरस्वती की पूजा अर्चना करें और ॐ वद वद वाग्वादिनी स्वाहा।

ज्ञान प्राप्ति के लिए: ॐ ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।

परीक्षा में सफलता के लिए: ॐ एकदंत महा बुद्धि, सर्व सौभाग्य दायक:। सर्व सिद्धि करो देव गौरी विनायक:।।

बुद्धि प्राप्ति के लिए: ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:

जानिए बसंत पंचमी की पूजा विधि के बारे में

अगर आप बसंत पंचमी के दिन पूजा अर्चना करना चाहते हैं तो आपकों हम कुछ ख़ास विधियां बता रहें हैं। जिसके द्वारा आप पूजा अर्चना कर सकतें हैं और देवी भगवती को प्रसन्न कर सकतें हैं।

ऐसा माना जता है कि बसंत पंचमी के दिन आपकों प्रातः कल उठना चाहिए। उसके बाद आपकों स्थानादि करके साफ़ कपडें पहनने चाहिए। ऐसा माना हटा है कि विद्यार्थी अगर इस दिन पीले रंग का वस्त्र धारण करते हैं तो ये उनके लिए बहुत शुभ साबित होता है।

देवी सरस्वती की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करें। सरस्वती जी के बगल में भगवान गणेश की भी मूर्ति रखें। चौकी पर या इसके आसपास अपनी किताबों, वाद्यंत्र या रचनात्मक कला से जुड़ी चीजों को रखें. अब मां शरदे को पीला चंदन, केसर, कुमकुम, पीले अक्षत, पीले फूल, पीले वस्त्र और पीले भोग अर्पित करें। आप भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले करें और उसके बाद देवी सरस्वती की पूजा अर्चना करें।

डिस्क्लेमर: ऊपर लिखी गईं तमाम बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। हम इनमें से किसी भी बात की सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं। ये केवल आम धारणाओं के आधार पर लिखी गईं है।

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