नई दिल्ली: मुगल साम्राज्य में बहुत सारे शासक हुए। जो अपनी-अपनी कहानियों के लिए जाने-जाते थे। मुगल शासकों के नियम कायदे और कानून से लेकर ऐसी कई बातें हैं, जो आज के समय में सुन और पढ़कर लोग अंचवित महसूस करते हैं। इतिहास कारों को इनकी कई प्रकार की बातें लिखी है। आज हम यहां पर आप को बताने जा रहे हैं, एक ऐसा मुगल शासक जो गंगाजल के अलावा और किसी जल में कुछ नही करता था है। माना जाता है कि ये शासक गंगाजल को जन्नत का पानी मानता था है।
गौरतलब है, कि भारत में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है। सदियों से इसके जल को अमृत से कम नहीं समझा जाता है। गंगाजल को लंबे समय से कही रखने पर खराब नहीं होता है। देश और दुनिया के वैज्ञानिक इस पर काफी रिचर्च कर चुकें है।
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वही इतिहास कारों ने मुगल साम्राज्य की तरह-तरह की कहानियां बताई है। मुगल बादशाह अकबर भी गंगाजल को पवित्र मानता था। बता दें कि बात को अबुल फजल की किताब ‘आइन-ए-अकबरी’ में बताया गया है। ‘आइन-ए-अकबरी’ अकबर को गंगाजल से काफी प्रेम था। इसमें बताया गया है कि, वो अक्सर अपने सैनिकों से गंगाजल मंगवाया करता था। अकबर के विश्वासपात्र कर्मचारी घड़ों में गंगाजल भरकर राजकीय मुहर लगाते थे।
मुगल बादशाह यहां पर करते थे गंगाजल का प्रयोग
अकबर और कुछ अन्य मुगल बादशाह गंगाजल पीना खूब पसंद करते थे। इसके पीछे की वजह थी कि गंगाजल कभी खराब नहीं होता। तब तो गंगा का जल और भी ज्यादा शुद्ध और स्वच्छ हुआ करता था। इसे लंबे समय तक किसी खास बर्तन में आसानी से जमा किया सकता था।
मोरक्को के यात्री ने बताया ये शाशक करता था गंगाजल का प्रयोग
वही कई लेखकों और इतिहास कारों के ने इस बात का जिक्र किया है, तो बताता है कि बादशाह अकबर से लेकर मुगल शासक औरंगजेब तक गंगाजल को अपने काम में लाते थे। गंगाजल का प्रयोग करने को लेकर एक और जिक्र मिलता है, जो 1325 से 1354 तक मोरक्को के यात्री इब्नेबतूता ने एशियाई यात्रा का संस्मरण लिखते हुए बताया है कि सुल्तान मुहम्मद तुगलक के लिए नियमित रूप से गंगाजल दौलताबाद पहुंचाया जाता था।