नई दिल्ली: आज के दौर में हम तरह-तरह के गैजेट यूज करते हैं, जिन्हें चार्ज करने के लिए हमें चार्जर की जरूरत होती है। ये चार्जर या तो कंपनी देती है या फिर हम इसे खुद ही पैसे डालकर खरीदने पड़ते हैं। तो मोबाइल चार्जर हम आज के समय हर समय अपने पास में रखते हैं क्योंकि आज के फोन में उसी कंपनी का चार्जर अच्छा माना जाता है जो कंपनी का फोन है। लेकिन 100 % लोग मोबाइल चार्जर के बारे में एक जरुरी खास बात नहीं नहीं जानते हैं। ये खास बात को जानने के लिए इस खबर को लास्ट कर जरुर पढ़ें।
आप को बता दें कि हम तरह-तरह के फोन को यूज करते आए हैंं, लेकिन आप को अभी तक मोबाइल चार्जर के ब्लैक और व्हाइट कलर ही मिल होगा। ऐसी इन कलर में क्या हैं इसके बारे में आप ने कभी नही सोचा होगा, चलिए यहां पर जानते है।
इस वजह से होते हैं काले चार्जर
मोबाइल चार्जर क्यों होते हैं उसके पीछे की वजह ये है कि यह रंग दूसरे रंगों की तुलना में गर्मी बेहतर तरह से अब्जॉर्ब करता है। ब्लैक कलर एक आदर्श उत्सर्जक (Emiter) होता है। इसका उत्सर्जन मान 1 होता है। साथ ही कहा तो यह भी जाता है कि अगर ब्लैक मटैरियल को खरीदा जाए तो यह किफायती भी होता है। बस यही वजह होती है कि चार्जर ब्लैक कलर के बनाए जाते हैं।
इस वजह से होते हैं सफेद चार्जर
पहले तो चार्जर काले ही आते थे लेकिन फिर चार्जर्स को सफेद कलर में भी बनाया जाने लगा। कई कंपनियां तो ऐसी भी हैं जो सिर्फ सफेद रंग का ही चार्जर देती हैं। इसकी वजह इसकी रिफ्लेटर क्षमता कम होती है। यह रंग बाहर से आने वाली गर्मी को अंदर तक नहीं पहुचंने देता है। यह इसे कंट्रोल करता है। आज के बाद में ये बात जानने के कभी नहीं भुलेगें।