नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती में चल रहे विवाद के कारण अब तक कई अभ्यार्थी कॉफी चिंता में थे। वहीं उस विवाद के ऊपर एक बड़ा फैसला निकल का सामने आया हैं। तो आइए जानते हैं क्या है ‘पूरा मामला। उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से पास तीन हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने नियुक्ति के लिए दावेदारी की है।परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से पास तीन हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने नियुक्ति के लिए दावेदारी की है। हालांकि यह मामला पिछले दो साल से अभ्यर्थियों हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बीच चल रहा हैं। हर रोज एक नया मोड़ सामने आता रहा। ऐसे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा की तुलना मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से करके सियासी माहौल को गरमा दिया है।
वहीं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने ऐसे अभ्यर्थियों से 19 जनवरी तक प्रत्यावेदन मांगे थे ।जिन्होंने 25 अगस्त 2021 तक हाईकोर्ट में याचिकाएं या अपील की थी। अंतिम तिथि तक 3192 प्रत्यावेदन मिले हैं। अब इन अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदन के परीक्षण करने के बाद और एक नंबर से सफल होने की स्थिति में इनकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी।
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दिसंबर, 2018 में उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक पदों के लिए 6 जनवरी 2019 को करीब चार लाख अभ्यार्थियों ने लिखित परीक्षा में हिस्सा लिया।एक दिन बाद सरकार की तरफ से कट ऑफ मार्क्स का मानक तय कर दिया।
शिक्षक भर्ती की परीक्षा का पेपर 150 नंबर का था।परीक्षा में पास होने के लिए सामान्य वर्ग के कैंडिडेट को 150 में से 97 और आरक्षित वर्ग से आने वाले अभ्यर्थी को 150 में से 90 नंबर लाने थे। सामान्य वर्ग के कैंडिडेट के लिए 65 प्रतिशत और आरक्षित कैंडिडेट के लिए 60 प्रतिशत कट ऑफ तय किया गया था।
वहीं जनवरी 2019 को आयोजित 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक प्रश्न के चारों विकल्प गलत थे लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी के विशेषज्ञों ने एक विकल्प को सही मान लिया था। इसको लेकर दाखिल याचिकाओं में हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को उन अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित करने का आदेश दिया था, जिन्होंने इस प्रश्न को हल करने की कोशिश की थी और एक नंबर से फेल हो गए थे। हालांकि सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्र कोर्ट में अपील की थी लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार की अपील खारिज कर दी थी।
और सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की अपील पर 9 जून 2020 को शिक्षक भर्ती केस में सुनवाई करते हुए 69000 हजार पदों में से 37339 पदों को होल्ड करने का आदेश दिया है. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट मांगी है कि शिक्षामित्रों के कितने अभ्यर्थियों ने अरक्षित वर्ग की 40 और सामान्य वर्ग के 45 फीसदी के कटऑफ पर परीक्षा पास किए थे।
और अभी तक 6800 की सूची का विवाद बरकरार है 69000 शिक्षक भर्ती में एक नंबर से फेल अभ्यर्थियों का विवाद तो सुलझता नजर आ रहा है लेकिन 6800 की सूची में शामिल अभ्यर्थियों को अब तक इंतजार है। पिछड़ा वर्ग आयोग के फैसले के बाद सरकार ने पांच जनवरी 2022 को आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी की थी। इनका मामला कोर्ट में लंबित है। अफसरों का कहना है कि 69000 भर्ती में पद भर चुके हैं। ऐसे में इनके भविष्य को लेकर दुविधा बनी हुई है।