नई दिल्ली। कॉलेज में प्रोफ़ेसर बनने का सपना हर कोई देखता है, लेकिन हर किसी का सपना पूरा हो यह कोई जरुरी नहीं है। प्रोफेसर डिग्री काफी अहम मानी जाती है। आज के जमाने में प्रोफेशन बनना काफी मुश्किल हो गया है। क्योंकि जिस तरह कंपटीशन बढ़ता जा रहा है, वैसे पढ़ाई का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। वहीं, प्रोफेसर डिग्री के लिए हमें यूजीसी नेट और पीएचडी करना पड़ता था। लेकिन अगर आप से बोला जाए कि अब आप बिना यूजीसी नेट और पीएचडी के प्रोफेसर बन पाएंगे तो यह आपको सपने की तरह लग रहा होगा, लेकिन यह हकीकत है तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
कॉलेज में प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी नेट और पीएचडी होना जरूरी होता था, लेकिन वहीं अब युवाओं का प्रोफेसर बनना काफ़ी आसान हो गया है। क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा लागू योजना के तहत अब कॉलेज में प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस को मंजूरी दी गई है। ऐसे में अब बिना यूजीसी नेट और पीएचडी डिग्री धारी भी प्रोफेसर बन सकेंगे। साथ ही अगले अकादमिक सत्र में राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले कॉलेज में विभिन्न क्षेत्रों में प्रोफेशनल और इंडस्ट्री एक्सपट्र्स प्रोफेसर के तौर पर इनकी भर्ती कर सकेंगे।
इन कॉलेजओ में मिलेंगी सेवाएं
महाराष्ट्र के आठ कॉलेज ऐसे जिनमें सेवाएं शुरू की गई है कॉलेज में बतौर प्रोफेसर डिग्री के आप को नियुक्त किया जाएगा।गई है। प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस को महाराष्ट्र सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के साथ ही अब हर एक्सपर्ट को उनके अनुभव के आधार पे ही उन्हे वेतन का लाभ दे पाएंगे। वही अगर बात की उनकी वेतन की तो वही उम्मीदवार को 15 साल का अनुभव हो और सरकार की हिसाब से उन्हें प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस के लिए पात्र माना जाएगा। इसके साथ ही उनके अधिकारी डेढ़ लाख रखी गई है। उन्हें डेढ़ लाख रुपए प्रति महीने उपलब्ध कराए जाएंगे।