नई दिल्ली: सरकारी फील्ड में नौकरी करने के बाद में हर किसी की अच्छी खासी पेंशन पाने के लिए आस रहती है। क्योंकि उम्र के एक पड़ाव के बाद अक्सर पेंशन की टेंशन सताने लगती है। हर कोई ज्यादा से ज्यादा पेंशन पाना चाहता है। जिससे अपने खर्च को चला सके और किसी के आगे पैसे लिए हाथ ना फैलाने पड़ें। वही सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले के बाद कई लोगों के लिए पेंशन की टेंशन बढ़ गई है तो कई लोगों की पेंशन की टेंशन घट गई है। अगर आप ज्यादा पेंशन पाना चाहते हैं तो आपकी मंथली बेसिक सैलेरी 15000 रु से ज्यादा तो होनी ही चाहिए। साथ में कई सारी शर्तें भी आपको पूरी करनी होंगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में साल 2014 की कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना को लेकर बड़ा फैसला किया है। कोर्ट ने वर्ष 2014 की कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना को ‘कानूनी और वैध’ करार दिया। कई कर्मचारियों को राहत देते हुए कोर्ट ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होने के विकल्प का प्रयोग अबतक नहीं किया है, उन्हें ऐसा करने के लिए 6 महीने का और मौका दिया जाना चाहिए।
जानिए ज्यादा पेंशन का हकदार कौन?
यदि आप ज्यादा पेंशन पाना चाहते हैं तो आपकी मंथली बेसिक सैलेरी 15000 रु से ज्यादा तो होनी ही चाहिए। इसके साथ में कई सारी शर्तें भी आपको पूरी करनी होंगी।
- पहली शर्त ये है कि आपको 1 सितंबर 2014 तक EPF का मेंबर होना चाहिए। ज्यादा पेंशन के लिए EPS में किए गए बदलाव पर सहमति भी जरूरी है।
- वही अगर अभी तक सहमति नहीं दी है तो इसके लिए 4 महीने का वक्त मिला है। ऐसे में जल्द ही आप एम्प्लॉई और एम्प्लॉयर को EPFO में ज्वॉइंट डिक्लेयरेशन देना होगा।
- EPFO में ज्वॉइंट डिक्लेयरेशन देने की आखिरी तारीख 3 मार्च 2023 है।
3 जनवरी 2023 को आएगी नई गाइडलाइंस
वह जिन लोगों ने ज्यादा कंट्रीब्य़ूशन दे दिया है और 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर हो चुके हैं तो EPS की नई स्कीम को स्वीकार करने वाले ज्यादा पेंशन के हकदार होंगे। जिन्होंने रिटायरमेंट से पहले नई स्कीम को नहीं स्वीकार किया है। उन्हें फायदा नहीं होगा। बाद में रिटायर होनेवालों पर गाइडलाइंस से और सफाई आएगी। 3 जनवरी 2023 तक EPFO को गाइडलाइंस लाने का निर्देश दिया गया है।
ऐसे हो सकता है बंपर लाभ
यदि किसी का ईपीएफओ अकाउंट है। काम करने वाला कर्मचारी अपने वेतन का 12 फीसदी पीएफ का योगदान देता है। इसके बदले उसकी कंपनी भी उसे उतनी ही रकम देती है। लेकिन इस रकम में 15000 रुपये का सिर्फ 8.33 फीसदी हिस्सा ही पेंशन में जाता है। ऐसे में अगर 15 हजार की सीमा हटा दी जाती है और आपका मूल वेतन और डीए 20 हजार रुपये हो जाता है तो पेंशन में कंट्रीब्यूशन तथा पेंशन की राशि भी बढ़ जाएगी। जिससे बंपर लाभ मिल सकता है।