नई दिल्ली: lic policy surrender rule. एलआईसी के पोर्टफोलियो में एक से बढ़कर एक स्कीम है। जो लाभकारी होने के साथ-साथ मोटा रिटर्न भी देती है। देश के लाखों और करोड़ों लोगों का एलआईसी की खास स्कीम में भरोसा है। हालांकि लोगों एलआईसी की पॉलिसी को खरीदने से पहले लोगों को अच्छी तरह से पढ़ और जांच लेना चाहिए जिससे कि बाद में कोई परेशानी ना हो। अगर आप ने कोई पॉलसी को खरीद लिया हैं तो इस एलआईसी पॉलिसी को सरेंडर करना चाहते हैं। इसके लिए हम आप को इसके नियम के बारे में बताएगें।
एलआईसी की पॉलिसी कई वजहों से बंद कराने की नौबत आ जाती है। प्रीमियम भरने में दिक्कत हो या ग्राहक को वह पॉलिसी पर्याप्त न लगे तो पॉलिसी बंद या सरेंडर कराने के बारे में सोचा जा सकता है। ऐसे में वे एलआईसी पॉलिसी को सरेंडर (Surrender LIC Policy) करने के बारे में सोचते हैं।
आप को बता दें कि इसके अलावा, कम रिटर्न मिलने और इमरजेंसी होने के दौरान भी पॉलिसी को सरेंडर किया जा सकता है। पॉलिसी बंद कराने पर आपको कुछ पैसे मिलते हैं जिसे सरेंडर वैल्यू कहते हैं। पॉलिसी सरेंडर करने पर जो पैसा मिला, वही सरेंडर वैल्यू होता है।
जानिए एलआईसी पॉलिसी सरेंडर का नियम
यदि पॉलिसी को मैच्योर होने से पहले ही सरेंडर करना चाहते हैं, तो मैच्योरिटी से पहले एलआईसी पॉलिसी को सरेंडर करने पर इसकी वैल्यू कम कर दी जाती है। वहीं अगर आपने रेगुलर पॉलिसी ली है और उसे सरेंडर करना चाहते हैं तो आपके वैल्यू का कैलकुलेशन 3 साल तक प्रीमियम का भुगतान किए जाने पर ही किया जाएगा, लेकिन अगर आप तीन साल पहले ही पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो कोई वैल्यू नहीं दिया जाएगा।
एलआईसी के नियम के अनुसार पॉलिसी होल्डर्स को तीन साल बाद ही पॉलिसी सरेंडर करना होता है। इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि पॉलिसी धारको को तीन साल तक प्रीमियम का भुगतान करना होगा। अगर आप तीन साल के बाद सरेंडर करते हैं तो एक्सीडेंटल बेनिफिट के लिए दिए गए प्रीमियम को छोड़कर सरेंडर वैल्यू भुगतान किए गए प्रीमियम का करीब 30 फीसदी होगा। इस कारण से तीन साल बाद सरेंडर करने की सलाह दी जाती है।
वही इसके अलावा स्पेशल सरेंडर वैल्यू के तहत तहत पॉलिसी कभी भी सरेंडर की जा सकती है। स्पेशल सरेंडर वैल्यू में मूल बीमा राशि, प्रीमियम भरने की संख्या, कुल प्रीमियम की संख्या और प्राप्त कुल बोनस आदि के आधार पर राशि का भुगतान किया जाएगा।