SSY: सरकार ने इस सरकारी स्कीम में किए ये खास बदलाव, अब तीसरी बेटी को भी मिलेगा टैक्स बेनिफिट

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नई दिल्ली Sukanya Samriddhi Yojana: मोदी सरकार के द्वारा बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए काफी सारी योजनाओं को चलाया जा रहा है। इसमें सरकार की बेहद पॉपुलर स्कीम सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) भी शामिल है। इस सरकारी स्कीम को खासतौर पर देश की बेटियों के लिए शुरु किया गया है। हाल ही सरकार ने अपनी सरकारी स्कीम (Government Scheme) की ब्याज दरों को बढ़ाया है जिसमें सुकन्या समृद्धि स्कीम की ब्याज दर को तकरीबन 8 फीसदी कर दिया है। इस स्कीम में मिलने वाला टैक्स बेनिफिट्स इनकम टैक्स अधिनियम 80C के तहत ही दिया जाता है। इसके साथ ही खाते में जमा किया गया पैसा और उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है। इस स्कीम के तहत करीब 1.5 लाख रुपये में टैक्स बेनिफिट मिलता है।

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Sukanya Samriddhi Yojana:

हाल ही में सुकन्या सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में हुए बदलाव के बाद तीसरी बेटी को भी टैक्स बेनिफिट मिलता है। बहराल अभी तक सिर्फ दो बेटियों को ही टैक्स बेनिफिट मिलता था। अब सरकार ने जुड़वा बेटियों का भी खाता खोलने का प्रावधान कर दिया है। यानि कि अब इस सरकारी स्कीम में तीन बेटियों का खाता खोला जा सकता है।

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बता दें इस सरकारी स्कीम में कम से कम 250 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। वहीं 1 साल में मैक्जिमम 1.5 लाख रुपयों का निवेश किया जा सकता है। यदि कोई कम से कम पैसा जमा करना हो जाता है तो खाता डीएक्टीवेट हो जाता है। इसके साथ में ब्याज भी नहीं मिलता है। इस खाते को फिर से एक्टीवेट करन के लिए पेनाल्टी देनी होती है। फिर से एक्टीवेट करने के बाद खाते में ब्याज का पैसा आता रहेगा।

वहीं बता दें पहले इस खाते को 10 साल की बेटी भी ऑपरेट कर सकती थी। लेकिन नए नियमों के बाद से नाबालिक बेटी का खाता माता-पिता हैंडल करते हैं। जब बेची 18 साल की हो जाती है तब ही बेटी इस खाते को ऑपरेट कर सकती है।

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इसके साथ ही खाते में अगर गलती से ब्याज का पैसा आ गया है तो उसे तुरंत वापस ले लिया जाता था। लेकिन नए नियमों के लागू होने के बाद खाते में डाला गया ब्याज का पैसा वापस नहीं लिया जाएगा। इस स्कीम में ब्याज का पैसा वित्तीय वर्ष में डाला जाएगा।

इसके अलावा इस स्कीम में किसी कारण वश बेटी की मौत होने पर और पता बदलने पर खाते को बंद कर दिया जाता था। लेकिन अब इसके साथ किसी घातक बीमारी को भी जोड़ दिया गया है। इसका अर्थ है कि अभिभावक की मौत होने पर भी समय से पहले खाते को बंद किया जा सकता है।

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