नई दिल्ली: आज के आर्थिक दौर में हर किसी को पैसों की जरुरत होती है, जिससे लोग अपने जरुरतों को पूरा करने के लिए सैलरी भी कम पड़ जाती है, जिससे लोन की ओर बढ़ते हैं, जिससे भारी भारीकम लोन के झांसे में फंस जाते है। जिससे कभी -कभी इस मामलों में रिकवरी एजेंट्स की मनमानी और जबरदस्ती के ढेरों मामले सामने आते हैं। जिसमें लोग अगर फिक्स डेट पर लोन नहीं चुका पाते तो बैंक उन्हें डराया- धमकाया जाता है। इस वजह से लोग डर जाते हैं और कई कदम उठा लेते हैं।
ऐसे में अगर आप ऐसे लोन के बारे में फंस गए हैं तो ऐसे कई अधिकार हैं जिनका उपयेग किया जा सकता है। तो वही अगर लोग अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होंगे तो रिकवरी एजेंट उन्हें प्रताड़ित नहीं कर पाएंगे। प्रताड़ित करने पर पुलिस और उपभोक्ता अदालत में शिकायत देकर हर्जाना मांग सकते हैं।
वही इस मामले के जानकार बताते हैं कि वकील महमूद आलम कहते हैं कि अगर आप लोन की दो EMI नहीं देते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपको लोन की किस्त भरने के लिए रिमाइंडर भेजता है। अगर आप अपने होम लोन की लगातार तीन किस्तों का भुगतान करने से चूक जाते हैं, तो बैंक आपको लोन चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजता है। मगर चेतावनी के बाद भी अगर आपने EMI पूरी नहीं की तो बैंक की तरफ से आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा।
यदि कोई भी व्यक्ति समय से लोन नहीं चुकाते हैं तो इससे आपका रिकॉर्ड खराब हो जाता है और आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ जाता है। ऐसे में आपको अगली बार बैंक से लोन आसानी से नहीं मिल पाता। वही आपने लोन ले भी लिया तो आपको सख्त नियमों और शर्तों के साथ ऊंची ब्याज दरों पर लोन मिलेगा।
किसी को डराना धमकाना अपराध
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज की वसूली के लिए एजेंट के जरिए धमकाना, दुर्व्यवहार करना और प्रताड़ित किए जाने को अपराध माना है। अगर कोई रिकवरी एजेंट लोन को लेकर अगर डराता, धमकाता है तो आप इसकी शिकायत बैंक के साथ-साथ थाने में भी करें। किस्त नहीं चुका पाना सिविल विवाद के दायरे में आता है। ऐसे में डिफॉल्टर के साथ बैंक या उसका कोई रिकवरी एजेंट मनमानी नहीं कर सकता।
क्या है नियम
इसको लेकर कई तरह के नियम बनाए गए हैं। जैसे रिकवरी एजेंट recovery tribunal में जाकर रिकवरी कर सकते है। RBI के मुताबिक, लोन एजेंट किसी भी व्यक्ति ने लोन लिया हैं। उसको सुबह 8 बजे के पहले और शाम 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकती हैं। इसके अलावा RBI के बहुत से नियम हैं जिनका पालन करना होता है। इसके साथ ही कर्जदारों को अनुचित मैसेज न भेजने की भी हिदायत दी जाती हैं।