Rishabh Pant Car Accident: ऋषभ पंत Rishabh Pant कार एक्सीडेंट के मामले में केंद्र सरकार ने मीडिया को फटकार लगाई है। जी हां सभी टीवी चैनल ने पंत के कार एक्सीडेंट को कवर किया था और तस्वीरें वीडियो भी दिखाएं थे। ऐसे में सरकार का मानना है कि यह मीडिया और पत्रकारों को जारी की गई गाइडलाइंस का उल्लंघन है इसलिए ऋषभ पंत Rishabh Pant के मामले में सरकार ने मीडिया को डांटा है और दोबारा उन्हें इस तरह की हरकतों से बचने की सलाह दी है। पूरा मामला क्या है हम आपको बताते हैं।
सही कवरेज नही हुई
कुछ दिन पहले ऋषभ पंत Rishabh Jain अपनी मां को सरप्राइस देने के लिए दिल्ली से अपने घर देहरादून जा रहे थे। रास्ते में ही रुड़की के करीब उनका एक्सीडेंट हो गया Rishabh Pant Car Accident जिसके बाद उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था। शुरुआती इलाज ऋषभ पंत Rishabh Pant का देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में किया गया तो वही अब उनका आगे का इलाज मुंबई में जारी है। जैसे ही ऋषभ पंत के एक्सीडेंट की खबर बाहर आई थी, तमाम मीडिया चैनल्स ने इसे दिखाना शुरू कर दिया था। आपने भी समाचार चैनलों पर ऋषभ पंत कार एक्सीडेंट की कवरेज जरूर देखी होगी। जिसमें उनके फोटो वीडियो अलग-अलग तरह से दिखाए जा रहे थे। अब सरकार ने ऐसा करने वाले सभी निजी और सैटेलाइट चैनलों पर भड़ास निकाली है और उनको याद दिलाया है कि वह खून के छींटे, घायल लोगों के चेहरे के शॉट करीब से नहीं दिखा सकते। साथ में कुछ दिन पहले खबर आई थी एक 5 साल के बच्चे की पिटाई की गई है, उस वीडियो को भी न्यूज़ मीडिया में काफी दिखाया गया था इस मामले को भी सरकार ने गंभीरता से लेते हुए मीडिया पर आपत्ति जताई है।
ये है मीडिया के नियम
मीडिया को भारत में अभिव्यक्ति की आजादी मिली हुई है पर इसके साथ ही मीडिया और पत्रकारों के लिए कुछ नियम तय है। जैसे कि किसी भी नाबालिक अपराधी की तस्वीर या उसका नाम मीडिया में नहीं दिखाया जायेगा, खून के छींटे, दर्दनाक क़त्ल की फोटो, वीडियो भी मीडिया पर नहीं दिखाई जा सकती और ना ही अखबार में छापी जा सकती। इसके अलावा महिलाओं के साथ हुई हिंसा, बच्चों के साथ हुई क्रूरता को भी मीडिया सीधे रूप से प्रसारित नहीं कर सकता। ऋषभ पंत Rishabh Pant के मामले में इन गाइडलाइंस को ताक पर रख दिया गया था।