लाखों कर्मचारियों के खाते में इस डेट तक आएगा मोटा पैसा! DA एरियर पर सरकार ने दी ये बड़ी जानकारी,जानें

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नई दिल्ली: 7th Pay Commission Latest Updates. देश के लाखों-करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी जानकारी निकल के सामने आई है, जिससे बड़ी खुशखबरी दौड़ गई है। आप को बता दें कि देश का शीतकालीन सत्र चल रहा है, जिससे ऐसी कई जानकारी सामने आ रही जो केन्द्र सरकार संसद और राज्यसभा में दे रही है। वही लाखों-करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी जानकारी सरकार ने दी है, जिसमें एक तरफ खुशी हैं तो दूसरी तरफ निराशा भी लोगों को लगी है।


दरअसल आप को बता दें कि  केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 18 महीने के उनके बकाये को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के बकाये एरियर को लेकर राज्यसभा में बड़ी जानकारी दी है।  केंद्रीय कर्मचारियों को उनके 18 महीने का बकाया एरियर क्यों नहीं दिया गया है उसे लेकर सरकार ने सदन में सफाई दी है। सरकार ने कहा कि वित्तीय प्रभाव के चलते केंद्रीय कर्मचार्यों को महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत का एरियर को जारी करना उचित नहीं समझा गया। 

वही केन्द्र सरकार ने कहा कि महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्तों को रोक देने का निर्णय कोविड-19 के कारण जो आर्थिक व्यवधान पैदा हुआ है, इसके चलते लिया गया ताकि सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम किया जा सके। वित्त राज्यमंत्री ने सदन में कहा फाइनेंसियल बोझ के कारण केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के 18 महीने के बकाये डीए एरियर को जारी नहीं किया गया है। हालांकि सरकार ने खुलकर नहीं बताया कि भविष्य में बकाया एरियर नहीं दिया जाएगा। जिससे लाखों कर्मचरियों को बड़ा निराशा लगी है। 

गौरतलब है कि इस समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 38 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। सितंबर 2022 में पिछली बार में महंगाई भत्ते यानी डीए में बढ़ोतरी की गई थी। तो वही लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के एरियर का इंतजार है।

 

 सरकार ने माना कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच  18 महीने के डीए का बकाया देने के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के अलग अलग संगठनों की ओर से प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है जिसमें नेशनल काउंसिल (जेसीएम), नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियल रेलवे मेन  सहति कई संगठन शामिल है।  कर्मचारी यूनियन सरकार के इस जवाब से नाखुश है। उनका कहना है कि इसे रोका नहीं जा सकता है।  

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