नई दिल्ली; कर्मचारी पेंशनर्स की बात करें तो अब पेंशनर्स के लिए नई अपडेट सामने आ चुकी है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को लेकर अहम फैसला सुनाया है। इससे कुछ कर्मचारियों को काफी परेशानी हो सकती है।
उच्चतम न्यायालय की तरफ से साफ कर दिया गया है कि पति की मृत्यु के बाद विधवा द्वारा गोद ली हुई संतान को परिवारिक पेंशन का फायदा नहीं होने जा रहा है। केंद्रीय सिविल सेवा नियम 54(14) बी और 1972 के सीसीएस पेंशन नियम में गोद लिए हुए बच्चे को परिवारिक पेंशन का फायदा नहीं मिलने जा रहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश देते हुए जानकारी दिया है कि ये भी अहम माना जा रहा है कि पारिवारिक पेंशन के फायदे वाले दायरे सरकारी कर्मचारी द्वारा अपने जीवन काल के दौरान गोद लिए बच्चों तक सीमित करना अहम है।
इस संबंध में जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस वी वी नागरत्ना की पीठ की तरफ से बताया गया है कि 30 नवंबर 2015 को बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को भी बरकरार किया जा सकता है। उच्च न्यायलय वाले फैसले में जानकारी मिली है कि यह प्रावधान को पूरी तरह से विस्तृत करना संभव नहीं है। जितना अपीलकर्ता वाले वकील की तरफ से जानकारी दी गई है।
वही सीसीएस पेंशन नियम की बात करें तो परिवार की परिभाषा पारिवारिक पेंशन में पात्रता को लेकर और सरकारी कर्मचारी के संबंध में किया गया है। ऐसे में पति की मृत्यु हो जाती है गोदी लिए हुए बच्चे को पारिवारिक पेंशन का फायदा नहीं दिया जाना है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका में जानकारी दिया है कि शासकीय कर्मचारियों के मौत के साथ बच्चा गोद लेते हैं तो वह पारिवारिक पेंशन का हकदार नहीं बनने वाला बै। इस संबंध में बात करें तो अदालत द्वारा हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण पोषण अधिनियम 1956 का जिक्र करने के बाद फैसला लिया जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अहम जानकारी दिया है कि अधिनियम की धारा 8 और 12 एक हिंदू महिला जो नाबालिग और मानसिक तौर पर स्वस्थ्य नहीं है, उसे अपने अधिकार में बच्चे और बेटी को लेकर गोद लेने का हक मिल जाता है। हालाकि अधिनियम में प्रावधान भी किया जा चुका है कि हिंदू महिला, जिसका पति भी हो गया है। अपने पति की स्पष्ट सहमति लिए बिना गोद लेने की अनुमति नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान जानकारी दिया है कि वैसी महिला, जिनके पति की मृत्य हो जाती है, वैसी महिला के संबंध में ऐसी कोई शर्त पूर्व में लागू नहीं करना होता है।