Vivah Muhurat 2022: हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी के बाद से घरों में मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में इस साल भी 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी होने के बाद से मांगलिक कार्य की शुभारंभ हो चुकी है, जो लोग इस साल शादी करना चाहते हैं वह इन मुहूर्तो पर एक नजर जरूर डालें क्योंकि अभी पंचांग के मुताबिक साल 2022 के केवल 8 शुभ मुहूर्त बचे हैं जिसमें आप विवाह कर सकते हैं।
शादी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण संस्कार में से एक है जो कि ना सिर्फ एक दो व्यक्ति के बीच एक रिश्ता बनता है बल्कि यह दो परिवारों का विवाह होता है। जहां लड़का और लड़की के परिवारों का आपस में मेल होता है और लड़के एवं लड़की को ही भविष्य में जीवन चलाना होता है, बल्कि यह परिवार भी उतना ही मायने रखते हैं, ऐसे में आपको बता दें कि शादी कोई गुड़िया गुड्डे का खेल नहीं होता है। इसके लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है ताकि शुभ मुहूर्त पर शादी होने से जीवन सुखमय बीते, आइए जानते हैं इस साल के इन शुभ तारीखों के बारे में –
नवंबर माह के शुभ वैवाहिक मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शादी ब्याह करने वाले लोगों के लिए पहला शुभ मुहूर्त 24 नवंबर दिन गुरुवार कथा गुरुवार की सुबह 6:51 से लेकर 7:47 तक शुभयोग था।
जीवनसाथी को पाने के अगले मुहूर्त की बात करें तो 25 नवंबर दिन शुक्रवार को रात 10:45 से लेकर सुबह 6:52 तक था।
वही 27 तारीख के दिन रविवार की रात 9:34 से अगली सुबह 6:54 तक और 28 तारीख को सोमवार के दिन सुबह 6:54 से 10:30 तक शादी के लिए शुभ मुहूर्त निकला था। यह वही समय है जब लोग विवाह मंत्रों के साथ एक संबंध में बंधते हैं।
दिसंबर महीने के शुभ मुहूर्त
नवंबर का महीना और शुभ मुहूर्त तो बीत गया है ऐसे में अब बात करते हैं इन चार मुहूर्त ओं के बारे में दिसंबर में अगर आप शुभ मुहूर्त में शादी करने के बारे में सोच रहे हैं तो इन मुद्दों पर एक नजर डाले, दिसंबर महीने का पहला शुभ मुहूर्त 2दिसंबर को शुक्रवार के दिन, दूसरा 7 दिसंबर दिन बुधवार को, फिर 8 दिसंबर 9 दिसंबर दिन शुक्रवार को है। इन मुहूर्तों पर वैवाहिक कार्य कर सकते हैं।
2 दिसंबर को सुबह 7:30 से लेकर शाम6:58 तक शुभ मुहूर्त है
7 दिसंबर को रात 8:46 से अगली सुबह 7:00 बजे तक है
8 दिसंबर को शुभ मुहूर्त सुबह 7:01 से अगली सुबह 7:02 तक है ।
9 दिसंबर 2022 को सुबह 7:02 से दोपहर 2:59 तक है।
शुभ मुहूर्त के नियम क्या है
ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि साल एवं महीना कोई भी हो लेकिन शुक्र के अस्त होने पर विवाह की शुभ मुहूर्त नहीं होती ।है इस कारण 30 सितंबर को शुक्र अस्त हुए थे जो कि 21 नवंबर को उदय हुए जिसके बाद से शुभ मुहूर्त विवाह के लिए शुरू हुआ, शुक्र के उदय होने से अष्टलक्ष्मी का योग बनता है इसी दौरान शादी का बंधन बनाने वाले वैवाहिक जीवन पर मां भगवती की कृपा और आशीर्वाद बनी रहती है। इससे उनका वैवाहिक जीवन सुखमय तरीके से बितता है।